जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार अधिनियम (Zamindari Abolition and Land Reforms Act), जिसे उत्तर प्रदेश में "उत्तर प्रदेश ज़मींदारी उन्मूलन एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950" (UP Zamindari Abolition and Land Reforms Act, 1950) कहा जाता है, उसकी धारा 143 (Section 143) एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो कृषि भूमि के गैर-कृषि उपयोग से संबंधित है।
🔹 धारा 143 — कृषि भूमि के उपयोग में परिवर्तन की अनुमति
धारा 143 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति अपनी कृषि भूमि का उपयोग गैर-कृषि कार्य (जैसे कि आवासीय, औद्योगिक, वाणिज्यिक या अन्य प्रयोजन) के लिए करना चाहता है, तो उसे इसके लिए प्राधिकृत अधिकारी से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
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🔍 मुख्य बिंदु:
1. ✅ भूमि का गैर-कृषि उपयोग (Non-agricultural use) बिना अनुमति के नहीं किया जा सकता।
2. 🏢 जैसे: अगर कोई किसान अपनी जमीन पर फैक्ट्री, दुकान, स्कूल, अस्पताल, या मकान बनाना चाहता है, तो उसे पहले धारा 143 के तहत अनुमति लेनी होती है।
3. 📄 प्रक्रिया: संबंधित तहसीलदार या जिलाधिकारी को आवेदन दिया जाता है। संबंधित अधिकारी भू-प्रयोग परिवर्तन की स्थिति का मूल्यांकन करके अनुमति देता है या अस्वीकार करता है।
4. ⚖️ यदि बिना अनुमति भूमि का उपयोग बदला गया, तो यह अवैध माना जाएगा और जुर्माना या भूमि का अधिग्रहण तक हो सकता है।