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"निजी हो या सरकारी, ट्रस्ट तोड़ा तो अपराध! | Section 316 (BNS)

"Criminal breach of trust"
 "आपराधिक न्यास भंग" 



🔸🔹 धारा 316 भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 : आपराधिक न्यास भंग (Criminal Breach of Trust)


जिसका आशय है – यदि किसी व्यक्ति को किसी संपत्ति पर विश्वासपूर्वक नियंत्रण (entrusted) दिया गया हो और वह उस विश्वास का उल्लंघन कर संपत्ति का दुरुपयोग करता है, तो यह एक दंडनीय अपराध है।



🔹 महत्वपूर्ण बिंदु (Key Ingredients):


1. विश्वास में संपत्ति सौंपी गई हो (Entrustment of property)



2. बेईमानी से उस संपत्ति का दुरुपयोग या गबन किया गया हो (Dishonest misappropriation or use)



3. कानूनी दायित्व या अनुबंध की अवहेलना की गई हो (Violation of trust or contract)



4. जान-बूझकर स्वयं या किसी अन्य को ऐसा करने देना (Wilful act or negligence)






🔹 Explanation 1 का अर्थ 


> यदि कोई नियोक्ता कर्मचारी की वेतन से पीएफ (Provident Fund) या फैमिली पेंशन फंड के लिए राशि काटता है और वह उस राशि को संबंधित फंड में जमा करने में विफल रहता है, तो इसे भी "आपराधिक न्यास भंग" माना जाएगा, भले ही वह संस्था किसी प्रकार से छूट प्राप्त हो।




भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) की धारा 316 (Section 316 – Criminal Breach of Trust) की Sub-section (1) से (5) 



✅  Sub-section (1) 


जो कोई किसी संपत्ति पर किसी भी प्रकार से विश्वासपूर्वक सौंपा गया हो, और वह उस संपत्ति का:


बेईमानी से गबन करता है,


या अपने व्यक्तिगत उपयोग में लेता है,


या कानून या अनुबंध के विरुद्ध उसका उपयोग या हेरफेर करता है,



तो वह व्यक्ति आपराधिक न्यास भंग (Criminal Breach of Trust) का दोषी होता है।




✅ Sub-section (2) 


> यदि कोई व्यक्ति उपधारा (1) में वर्णित अपराध करता है, तो उसे 10 वर्ष तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।



📝 सरल भाषा में:

अगर कोई व्यक्ति ऐसा अपराध करता है तो उसे 10 साल तक की कैद और साथ में जुर्माना हो सकता है।





✅ Sub-section (3) 


> यदि कोई व्यक्ति जो किसी संस्था या न्यास (trust) के प्रबंधन से जुड़ा है, और वह:




संस्था या ट्रस्ट की संपत्ति का दुरुपयोग करता है,


या गलत तरीके से उसका इस्तेमाल करता है,



तो उसे भी उपधारा (2) की तरह 10 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है।





✅ Sub-section (4) 


> यदि यह अपराध किसी सार्वजनिक सेवक (Public Servant) द्वारा किया गया है, और उस संपत्ति का संबंध:




सरकार के धन से है,


या किसी योजना या निधि से है,



तो उसे 10 साल तक की सजा और जुर्माना लगाया जाएगा, और सजा कठोर कारावास (rigorous imprisonment) हो सकती है।





✅ Sub-section (5) 


> यह धारा लागू होती है, चाहे अपराध करने वाला व्यक्ति सरकारी कर्मचारी हो या न हो।




📝 मतलब:

यह कानून सभी व्यक्तियों पर लागू होता है — सरकारी और गैर-सरकारी, दोनों।



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📌 संक्षेप में (In Short):


उपधारा मुख्य बात सजा


(1) विश्वास भंग कर संपत्ति का दुरुपयोग अपराध सिद्ध

Explanation 1 PF/पेंशन फंड ना जमा करना भी अपराध अपराध सिद्ध

(2) कोई भी व्यक्ति 10 वर्ष + जुर्माना

(3) ट्रस्ट या संस्था से जुड़ा व्यक्ति 10 वर्ष + जुर्माना

(4) सार्वजनिक सेवक (Public Servant) 10 वर्ष तक कठोर कारावास + जुर्माना

(5) सभी पर लागू – सरकारी या निजी लागू होता है