अपराध-सिद्धि के चार चरण (Stages of Crime) –
✒अपराध के घटित होने की प्रक्रिया को अलग-अलग अवस्थाओं (stages) में बांटा जाता है:
✒आमतौर पर अपराध चार मुख्य चरणों में होता है, जिनमें से कुछ चरण कानूनी दृष्टि से दंडनीय होते हैं और कुछ नहीं।
उदाहरण: किसी को मारने का मन बनाना।
🪄 इरादे को अमल में लाने के लिए साधन जुटाना या योजना बनाना।
🪄आमतौर पर तैयारी अपराध नहीं मानी जाती, जब तक कि कानून में विशेष रूप से न कहा गया हो (जैसे नकली नोट बनाने की तैयारी, डकैती की तैयारी)।
उदाहरण: हथियार खरीदना, जहरीला पदार्थ लेना, अपराध स्थल का निरीक्षण करना।
🪄जब तैयारी के बाद व्यक्ति अपराध को अंजाम देने की दिशा में सीधा कदम उठाता है, तो इसे प्रयास कहते हैं।
🪄प्रयास दंडनीय है, भले ही अपराध पूरा न हो।
उदाहरण: किसी पर गोली चलाना लेकिन वह बच जाए।
🪄जब अपराध पूरी तरह से घटित हो जाए, और सभी आवश्यक तत्व (Actus Reus + Mens Rea) पूरे हो जाएं।
उदाहरण: गोली चलाने से व्यक्ति की मृत्यु हो जाना (हत्या पूर्ण हो जाना)।
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इनमें से केवल इरादा सामान्यतः दंडनीय नहीं है, जबकि प्रयास और पूर्ण अपराध हमेशा दंडनीय होते हैं।