आपराधिक षड्यंत्र Criminal Conspiracy का सिद्धांत इस धारणा पर आधारित है कि कई गंभीर अपराध योजना और सहयोग के बिना संभव नहीं होते।
Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 के Section 61 में इस अपराध का स्पष्ट प्रावधान है, जो पहले IPC की धारा 120A और 120B में था।
BNS के अनुसार – जब दो या दो से अधिक व्यक्ति
1. किसी अवैध कार्य को करने के लिए, या
2. किसी वैध कार्य को अवैध तरीके से करने के लिए
सहमति (Agreement) करते हैं, तो वह आपराधिक षड्यंत्र कहलाता है।
● अगर षड्यंत्र गंभीर अपराध (जैसे हत्या, आतंकवाद, राजद्रोह) के लिए है – केवल सहमति ही पर्याप्त है।
● अन्य मामलों में – सहमति के साथ कोई अभिनियमन (Overt Act) होना चाहिए।
1. Persons Involved – कम से कम दो व्यक्ति।
2. Agreement – स्पष्ट (Express) या मौन (Implied)।
3. Unlawful Object or Unlawful Means –
अवैध कार्य या वैध कार्य, अवैध साधनों से
4. Overt Act – केवल गैर-गंभीर मामलों में आवश्यक।
"Conspiracy is mostly proved by circumstantial evidence, as it is hatched in secrecy."
(षड्यंत्र अक्सर गुप्त रूप से बनता है, इसलिए परिस्थितिजन्य साक्ष्य से ही सिद्ध होता है।)
"Meeting of minds is essential; mere presence or association is not conspiracy."
(मन का मिलन आवश्यक है; केवल साथ होना या परिचय होना षड्यंत्र नहीं है।)
● गंभीर अपराध के लिए षड्यंत्र – वही सज़ा जो मूल अपराध के लिए है।
● अन्य मामलों में – 6 माह तक की कैद, या जुर्माना, या दोनों।
● षड्यंत्र पूरा न हो, अपराध न हो पाए – फिर भी दंडनीय है।
सकारात्मक पक्ष:
● संगठित अपराध, आतंकवाद और कॉर्पोरेट फ्रॉड रोकने का प्रभावी उपकरण।
● अपराधियों को पहले ही पकड़ने में मदद करता है।
नकारात्मक पक्ष
● परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर निर्भरता से ग़लत सजा की संभावना।
● “Agreement” की परिभाषा लचीली है – दुरुपयोग का खतरा।
"अपराध की जड़ सिर्फ हथियार या हाथ में नहीं, बल्कि दिमाग और सोच में होती है। Criminal Conspiracy कानून उसी सोच पर चोट करता है।"
हालांकि, इसका प्रयोग विवेकपूर्ण और साक्ष्य-आधारित होना चाहिए ताकि यह न्याय का हथियार बने, अन्यथा यह निर्दोषों के खिलाफ भी इस्तेमाल हो सकता है।