"Section 50 कहता है — यदि उकसाने वाला (Abettor) किसी खास इरादे से अपराध कराना चाहता है, लेकिन जिसे उकसाया गया (Abetted Person) वह अलग इरादे या ज्ञान से काम करता है, तो सजा उस इरादे के अनुसार मिलेगी जो उकसाने वाले का था।"
"मतलब, अगर आपने किसी को चोट पहुँचाने के लिए उकसाया, लेकिन उसने हत्या कर दी — तो आपको हत्या का दोषी नहीं माना जाएगा, बल्कि चोट पहुँचाने के अपराध की सजा मिलेगी।"
Example 1
✒A ने B को Z को हल्की चोट पहुँचाने के लिए उकसाया।
✒B ने गंभीर हमला कर Z को मार दिया।
✒A को सिर्फ चोट के अपराध की सजा मिलेगी।
Example 2
✒A ने B को Z की हत्या करने के लिए उकसाया।
✒B ने Z को केवल चोट पहुँचाई।
✒A को हत्या के प्रयास (Attempt to Murder) की सजा मिलेगी।
1. सजा तय करते समय उकसाने वाले के इरादे को महत्व दिया जाएगा।
2. यदि अपराध करने वाले का इरादा अलग है, तो उसी के अनुसार अपराध माना जाएगा।
3. यह प्रावधान गलत इरादे से ज्यादा या कम गंभीर अपराध होने पर लागू होता है।