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संशोधन वाद पत्र अन्तर्गत आदेश 6 नियम 17 जाब्ता अधिनियम

 प्रार्थना पत्र संशोधन वाद पत्र 

अन्तर्गत आदेश 6 नियम 17

 जाब्ता अधिनियम ।


श्रीमान् जी.

सेवा में निवेदन है कि वादपत्र प्रस्तुत होने के उपरान्त और अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश पारित हो जाने पर अमीन कमिश्नर द्वारा मौके पर जाकर कमीशन कार्य करने का जो मौके की स्थिति पाई गई और उनके द्वारा उसकी आख्या अंकित व मानचित्र प्रस्तुत किया गया। जिससे स्पष्ट है कि प्रतिवादी ने दौरान मुकदमा आदेश पारित होने के उपरान्त और कमीशन कार्य निष्पादन दिनांक-_____ के पूर्व विवादित भूमि के एक अंश नक्शा नजरी अंकित कमीशन ABCDEF से दर्शाया गया है उसमें अक्षर CDEF में के बीच प्रतिवादी द्वारा अक्षर DE पर 10 रद्दा ऊंची लम्बी चौड़ी दीवार बनायी है और DECF लाइन पर की भूमि में 12 स्थानों पर पिलर हेतु सरिया लगा दिया है जो दौरान मुकदमा व अवैध निर्माण है इसलिए उसे हटाये जाने हेतु, वादपत्र में संशोधन किया जाना आवश्यक है। प्रस्तावित संशोधन निम्नवत् हैः-


1. यह कि वादपत्र के अन्त में जो नक्शा नजरी दर्शाया गया है जोकि उसकी नाप जोख व सही चौहद्दी अंकित नहीं है इसलिए वादपत्र में दिये गये नक्शा को काटकर नक्शा कमीशन कागज सं0-2212 के अनुसार नक्शा नजरी बना दिये जाने की अनुमति दिया जाना आवश्यक है।


प्रस्तावित संशोधन हेतु नक्शा नजरी वादपत्र में दिये गये नक्शा नजरी को काटकर बनाया जाना है वह निम्नलिखित प्रकार से है जो इस प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न किया जाये।



2. यह कि वादपत्र की धारा 13 जो याचना की धारा-अ लिखी है 'अ' के नीचे अ1 'डिक्री आज्ञापक निषेधाज्ञा वादीगण के पक्ष में विरूद्ध प्रतिवादी इस प्रकार की प्रदान की जावे कि प्रतिवादी ने दौरान मुकदमा नक्शा नजरी संशोधित वादपत्र जो भाग ABCDEF से दर्शाया गया है उसमें 10 रद्दा ऊँची 9 इंच चौड़ी दीवाल CDEF में अक्षर DE पर अवैध निर्माण कर लिया है जो दौरान मुकदमा तथा 12 स्थानो पर CF लाइन पर पिलर सरिया खड़ी करके अवैध रूप से निर्मित करा लिया है उसे प्रतिवादी हटा लेये और यदि प्रतियादी ऐसा न करें तो मा० न्यायालय के आदेशानुसार दिये गये निश्चित अवधि के अन्दर उसे हटाये जाने की डिक्री प्रदान की जावे लिखा जाना है।


3. यह कि वादपत्र की धारा-12 के अन्त में तीसरे पंक्ति में शब्द 37.50 को काटकर उसके स्थान पर जो 200/-रू0 से कम है इसलिए बतौर 22.50/-रू0 का न्याय शुल्क स्थाई निषेधाज्ञा के 22. 50/-रू0 का न्यायालय आज्ञापक निषेधाज्ञा हेतु कुल 45 रूपये का न्यायशुल्क प्रदान किया जाता है' लिखा जाना है।


                     अतः श्रीमान् जी से प्रार्थना है कि प्रार्थना पत्र संशोधन वादपत्र स्वीकार किया जावे और वादपत्र के याचिका संशोधन स्वीकार करने की कृपा की जावे।


हम वादीगण प्रमाणित करते है कि   प्रार्थीगण/(वादीगण)

प्रार्थना पत्र संशोधन में लिखित कथन

हमारे निजी ज्ञान व विश्वास से सत्य

व सही है।


स्थान-दीवानी कचेहरी, गोण्डा।