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बलात्कार (Rape) के कानून पहले से कहीं अधिक व्यापक और सख्त

 



भारतीय न्याय संहिता, 2023’ ने बलात्कार (Rape) के कानून को पहले से कहीं अधिक व्यापक और सख्त बना दिया है। नई धारा 63 अब न केवल पारंपरिक यौन हिंसा के मामलों को बल्कि ऐसे सभी कृत्यों को कवर करती है जो महिला की इच्छा और गरिमा के खिलाफ हों।


⚖️ क्या बदला है?


पहले बलात्कार की परिभाषा मुख्य रूप से योनि में लिंग प्रवेश तक सीमित थी, लेकिन अब—


● मुख, गुदा, मूत्रमार्ग में भी लिंग प्रवेश,


● वस्तु या शरीर के अन्य भाग का प्रवेश,


● शरीर के किसी हिस्से से छेड़छाड़ कर प्रवेश कराना,


● मुख से यौन अंगों पर संपर्क,

—ये सभी परिस्थितियां बलात्कार के दायरे में आ गई हैं।



⚖️ कब मानेगा कानून ‘बलात्कार’?


कानून के मुताबिक, यह अपराध सात स्थितियों में माना जाएगा


1. महिला की इच्छा के विरुद्ध। 


2. बिना उसकी सहमति के।


3. डर या धमकी देकर सहमति लेना।


4. गलत पहचान (पति समझकर सहमति लेना)।


5. नशे या मानसिक असमर्थता में सहमति।


6. पीड़िता की उम्र 18 वर्ष से कम हो।


7. जब वह सहमति व्यक्त करने में असमर्थ हो।



⚖️ सहमति की नई परिभाषा


● अब सहमति का मतलब है — महिला द्वारा स्पष्ट, स्वेच्छा और बिना किसी दबाव के किसी यौन क्रिया में भाग लेने की इच्छा जताना।


● सिर्फ यह कारण कि महिला ने शारीरिक विरोध नहीं किया, सहमति नहीं माना जाएगा।



⚖️ अपवाद (Exception)

चिकित्सीय प्रक्रिया बलात्कार नहीं मानी जाएगी।


पति-पत्नी के बीच यौन संबंध, बशर्ते पत्नी की उम्र 18 वर्ष से अधिक हो, बलात्कार नहीं है।