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"अगर जबरन पिलाई शराब में हो गया अपराध? | Section 23 BNS Explained"





 "अगर कोई व्यक्ति नशे की हालत में ऐसा कार्य करता है, जो सामान्यतः अपराध होता है, लेकिन उस समय वह व्यक्ति यह नहीं समझ पा रहा था कि वह क्या कर रहा है या जो कर रहा है वह कानून के खिलाफ है — और यह नशा उसे बिना उसकी जानकारी के या उसकी इच्छा के विरुद्ध दिया गया था —

तो वह कार्य अपराध नहीं माना जाएगा।"




मुख्य बातें:


1. यह धारा बिना मर्जी से कराए गए नशे की स्थिति में लागू होती है।



2. यदि कोई व्यक्ति नशे की वजह से यह नहीं जानता कि वह क्या कर रहा है, और यह नशा उसे जबरदस्ती या धोखे से दिया गया था —

तो वह कानूनी रूप से ज़िम्मेदार नहीं माना जाएगा।



3. लेकिन अगर किसी ने स्वेच्छा से नशा किया है, तब यह धारा लागू नहीं होगी।




उदाहरण:


⚡अगर किसी को पार्टी में चुपचाप शराब पिलाई जाती है और वह व्यक्ति नशे में किसी को मार देता है,

⚡तो कोर्ट देखेगी कि क्या वह जानबूझकर नशा किया गया था या बिना मर्जी के —

⚡अगर बिना मर्जी के था, तो उसे इस धारा के तहत बचाव मिल सकता है।