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"IPC धारा 328 बनाम BNS धारा 87: मादक पदार्थ और अपराध की मंशा"


 


किसी व्यक्ति को नुकसान पहुँचाने के इरादे से नशीला पदार्थ देना:


अगर कोई व्यक्ति किसी और को जानबूझकर कोई जहरीली चीज़, नशीली दवा या अन्य हानिकारक चीज़ इस इरादे से देता है, पिलाता है, या किसी तरह से शरीर में पहुंचाता है ताकि उसे बेहोश कर सके या उसकी मानसिक स्थिति बिगाड़ सके, और फिर उससे कोई अपराध करे — तो यह धारा 328 ( IPC ) / 87 (BNS )के तहत अपराध है।





2. आवश्यक तत्व (Essential Ingredients):


 अपराध सिद्ध करने के लिए निम्नलिखित तत्व आवश्यक हैं:


🪄 नशीली/हानिकारक वस्तु का प्रयोग या प्रयोग कराने की क्रिया (Actus Reus)


🪄 अपराध की मंशा (Mens Rea) — अर्थात यह कार्य किसी अपराध को करने के उद्देश्य से किया गया हो


🪄 पीड़ित को बेहोश करना या उसकी शक्ति कम करना


🪄 कार्य जानबूझकर (Intentionally) किया गया हो




3. महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय (Important Case Laws):


आरोपी ने महिला को नशीली चीज दी और फिर उससे बलात्कार किया।


सुप्रीम कोर्ट ने कहा:

> "When a person administers any intoxicating substance with the intention to commit any offence, even prior to the actual commission of offence, Section 328 gets attracted."

State of Rajasthan v. Jaggu Ram, AIR 2006 SC 1507



अफीम देकर चोरी की गई।

कोर्ट ने कहा कि "mere intoxication is not sufficient; intention to facilitate commission of offence must be proved."

Khet Singh v. Union of India, 1994 Cri LJ 1378



4. Mens Rea का महत्व:


🪄धारा 328 (BNS की धारा 87 ) में Mens Rea (मंशा) अत्यंत आवश्यक तत्व है।

🪄यदि नशीली वस्तु का प्रयोग मज़ाक, अनजाने में, या इलाज के लिए किया गया हो और कोई अपराध नहीं किया गया या अपराध की मंशा न हो, तो धारा 328 लागू नहीं होगी।

🪄धारा 328 ( BNS की धारा 87 ) में "उद्देश्य" (intention) अत्यंत महत्वपूर्ण है। अभियोजन को यह सिद्ध करना होता है कि आरोपी ने जानबूझकर ऐसा किया ताकि अपराध को अंजाम दिया जा सके।

🪄सिर्फ बेहोश कर देना पर्याप्त नहीं है — यह भी साबित करना होगा कि ऐसा किसी अपराध को करने की मंशा से किया गया।


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5. व्यावहारिक उपयोग (Practical Use Cases):


🪄चोरी या डकैती के पहले व्यक्ति को बेहोश करना


🪄महिलाओं को नशीला पेय पिलाकर यौन अपराध


🪄ड्रग्स/स्पाइकिंग के मामले में विशेष रूप से कॉलेज, पार्टी या ट्रेनों में


🪄होटल या बार में बेहोशी का फायदा उठाकर मोबाइल/वस्तुएं चुराना






दंड (Punishment):


अधिकतम 10 वर्ष का कठोर कारावास


साथ में जुर्माना


यह गंभीर अपराध है और गैर-जमानती (non-bailable) और गंभीर प्रकृति का संज्ञेय अपराध (cognizable offense) माना जाता है।