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कारण जो अपराध करने वाले व्यक्ति के पक्ष में सजा को कम करें।

 

मिटिगेटिंग सर्कमस्टेंसेस
 (Mitigating Circumstances)

⚖️  Mitigating Circumstances वे कारण होते हैं जो अपराध करने वाले व्यक्ति के पक्ष में सजा को कम करने की वकालत करते हैं, भले ही वह अपराध सिद्ध हो गया हो।



✅।   (Examples of Mitigating Circumstances):


1. 🔹 अभियुक्त की कम उम्र (जैसे 18–21 वर्ष का होना)


2. 🔹 पहली बार अपराध करना (No previous criminal record)


3. 🔹 अपराध भावनात्मक उत्तेजना में या उकसावे में किया गया हो


4. 🔹 अपराध करते समय मानसिक स्थिति कमजोर हो (e.g., मानसिक बीमारी)


5. 🔹 परिवार की जिम्मेदारियाँ, जैसे छोटे बच्चे या बूढ़े माता-पिता की देखभाल


6. 🔹 स्वीकारोक्ति (Plea of guilty) – समय बचाने और सच्चाई स्वीकार करने के कारण


7. 🔹 पश्चाताप या पीड़ित को मुआवजा देना


8. 🔹 कोई प्रवृत्ति या पूर्व-योजना न होना (No premeditation)




🏛️ CrPC की धारा 235(2) का महत्व:


 जब किसी अभियुक्त को दोषी पाया जाता है, तो कोर्ट सजा सुनाने से पहले उसे मिटिगेटिंग फैक्टर्स बताने का मौका देती है।




📌 महत्व क्यों है?


Mitigating circumstances का उपयोग करते हुए:


न्यायालय कम से कम सजा दे सकता है।


दोषी व्यक्ति को सुधार के अवसर दिए जा सकते हैं।


यह दया और न्याय के सिद्धांत को संतुलित करता है।