"क्या केवल शक के आधार पर सज़ा दी जा सकती है?" - J&K हाईकोर्ट का बड़ा फैसला |
🔹 कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 106 का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता, खासकर जब अभियोजन अपने केस की नींव ही सिद्ध न कर पाए।
🔹 केस की पृष्ठभूमि
मामला है वर्ष 2002 का —
👉जहां फारूक अहमद पर्रे की उसके घर में हत्या हो गई थी।
👉आरोप लगे उसकी पत्नी गुलशाना और उसके प्रेमी शमीम पर, कि उन्होंने मिलकर मूसल से वार कर हत्या की।
🔹 अभियोजन का दावा
👉FIR के अनुसार पत्नी ने प्रेमी को घर में घुसाया, और फिर मूसल से वार कर हत्या कर दी।
👉पूरा केस परिस्थितिजन्य सबूतों (circumstantial evidence) पर आधारित था — कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं था।
🔹अभियोजन की कमजोरियाँ
👉मृतक की बेटी की गवाही विरोधाभासी थी
👉हत्या का हथियार मूसल रसोई में खुले में पड़ा मिला, छुपाया नहीं गया
👉आरोपी की उपस्थिति साबित नहीं हुई
👉प्रेमी के खिलाफ कोई पक्का सबूत नहीं था
👉पत्नी के साथ उसके रिश्ते भी सिर्फ अनुमान पर आधारित थे
🔹 धारा 106 का मुद्दा
👉अभियोजन ने कहा कि चूंकि पत्नी घर में थी, उसे बताना चाहिए कि हत्या कैसे हुई।
लेकिन कोर्ट ने कहा:
👉 "जब तक अभियोजन बुनियादी तथ्य सिद्ध नहीं करता, तब तक आरोपी से जवाब नहीं मांगा जा सकता।
👉 धारा 106 अभियोजन की असफलता की भरपाई नहीं कर सकती।"
🔹 अदालत का फैसला
👉कोर्ट ने कहा कि ये केस केवल अनुमान और संदेह पर आधारित था।
👉कोई ठोस सबूत नहीं था, इसलिए दोनों आरोपियों को बरी कर दिया गया।
"अभियोजन की कमजोरियाँ — कौन से बुनियादी तथ्य ज़रूरी थे?"
🔍 1. हत्या की पुष्टि - Murder Proved or Not
सबसे पहले — अभियोजन को ये सिद्ध करना जरूरी था कि
👉वास्तव में मृतक की हत्या हुई है,और वो भी किसी सामान्य कारण से नहीं, बल्कि जान-बूझकर की गई हिंसक हत्या है।
इसके लिए ज़रूरी थे:
👉पोस्टमार्टम रिपोर्ट
👉फोरेंसिक विश्लेषण
👉मृत्यु का कारण स्पष्ट रूप से ‘हत्या’ साबित होना
🏠 2. घटनास्थल पर कौन था – Presence at Crime Scene
दूसरा अहम बिंदु — हत्या के समय घर में कौन मौजूद था?
क्या पत्नी अकेली थी?
👉क्या प्रेमी वहां आया था?
👉 अभियोजन को ये साबित करना चाहिए था कि:
👉आरोपी घर में उपस्थित थे
👉हत्या के समय कोई तीसरा व्यक्ति नहीं था
👉ताले, खिड़की, दरवाज़े आदि से घुसपैठ नहीं हुई
3. प्रेमी की उपस्थिति – Lover's Presence Proof
तीसरा बिंदु — प्रेमी (शमीम) वास्तव में घर में था या नहीं?
इसके लिए ज़रूरी थे:
👉कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR)
👉मोबाइल लोकेशन
👉पड़ोसी या गवाह की गवाही
👉CCTV फुटेज, अगर उपलब्ध हो
4. संबंधों का प्रमाण – Relationship Proof
अभियोजन का दावा था कि पत्नी और प्रेमी में संबंध थे — लेकिन क्या उसका कोई ठोस प्रमाण था?
ज़रूरी थे:
👉कॉल रिकॉर्ड्स
👉प्रेम-पत्र
👉गवाह जो संबंधों के बारे में जानते हों
👉कोई निजी चैट या सबूत
5. हत्या के हथियार की पुष्टि – Weapon Link
👉मूसल से हत्या हुई, ऐसा कहा गया — लेकिन क्या साबित हुआ?
👉 अभियोजन को यह साबित करना था:
👉मूसल से ही चोट आई
👉उस पर आरोपी के फिंगरप्रिंट या खून के धब्बे थे
👉हथियार छिपाने की कोशिश की गई
⚖️ 6. हत्या का मकसद – Motive
👉आख़िर कारण क्या था?
👉क्या पत्नी को पति से परेशानी थी?
👉क्या संपत्ति, झगड़ा या कोई अन्य कारण था?
👉 अभियोजन को स्पष्ट उद्देश्य (Motive) दिखाना था।