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अपराध से जुड़े परिस्थितिजन्य साक्ष्य (circumstantial evidence) का हिस्सा


 भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 8 (Section 8 of Indian Evidence Act, 1872) 


⚡यह सीधे अपराध को साबित नहीं करता, परंतु अपराध से जुड़े परिस्थितिजन्य साक्ष्य (circumstantial evidence) का हिस्सा होता है।

⚡अदालत इन बातों को देखकर यह तय कर सकती है कि आरोपी के खिलाफ मामला मजबूत है या नहीं।


📘    धारा 8 प्रेरणा, तैयारी, आचरण और तत्पश्चात आचरण (Motive, Preparation, and Conduct)


प्रावधान:  यदि वे किसी व्यक्ति के अपराध में शामिल होने या न होने के प्रश्न से संबंधित हों, तो वे साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य (relevant) होते हैं।


🧠 सरल भाषा में समझें:


1. प्रेरणा (Motive):

किसी व्यक्ति ने अपराध क्यों किया – जैसे दुश्मनी, लालच, बदला आदि।


👉 परिस्थिति:

रमेश का अपने पड़ोसी सुरेश से ज़मीन का झगड़ा था। सुरेश ने रमेश के खिलाफ कोर्ट में केस भी किया था।


👉 घटना:

कुछ दिन बाद सुरेश की हत्या हो जाती है। रमेश पर शक होता है।


👉 Section 8 लागू कैसे होता है?

रमेश का सुरेश से पुराना झगड़ा और कोर्ट केस — यह दिखाता है कि रमेश के पास अपराध करने की "प्रेरणा" (motive) थी।

यह प्रमाण नहीं है कि रमेश ने हत्या की, लेकिन ये साक्ष्य प्रासंगिक (relevant) हैं और अदालत में स्वीकार होंगे।


2. तैयारी (Preparation):

उसने अपराध करने से पहले क्या तैयारी की – जैसे हथियार खरीदना, योजना बनाना।


👉 परिस्थिति:

सीमा की जायदाद की वारिस उसकी भतीजी पूजा थी। पूजा ने एक सप्ताह पहले अपने दोस्त से जहर मंगवाया था।


👉 घटना:

सीमा की अचानक संदिग्ध हालातों में मृत्यु हो जाती है।


👉 Section 8 लागू कैसे होता है?

पूजा द्वारा ज़हर मंगवाना — "तैयारी" (preparation) को दर्शाता है।

यह दिखाता है कि उसने शायद अपराध को अंजाम देने के लिए योजना बनाई थी।


3. पूर्व या पश्चात आचरण (Conduct before/after):

अपराध से पहले और बाद में उस व्यक्ति का व्यवहार – जैसे भाग जाना, झूठ बोलना, सबूत छिपाना।

👉 परिस्थिति:

अजय पर चोरी का शक है। चोरी के बाद वह शहर छोड़कर भाग जाता है और झूठी पहचान बना लेता है।


👉 Section 8 लागू कैसे होता है?

अजय का भाग जाना और पहचान छुपाना — ये सब उसका "आचरण" (conduct) हैं जो यह दर्शा सकते हैं कि उसने कुछ गलत किया है।

हालांकि ये सीधे तौर पर चोरी को साबित नहीं करते, परंतु ये अपराध से जुड़े व्यवहार के रूप में प्रासंगिक साक्ष्य हैं।


⚖️  अगर कोई व्यक्ति हत्या के बाद भाग जाता है, तो उसका भागना (absconding) अपराध को सीधे साबित नहीं करता, लेकिन यह उसका संदिग्ध आचरण दिखाता है, जो धारा 8 के अंतर्गत प्रासंगिक माना जाएगा।