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जमानत प्रार्थनापत्र

 श्रीमानजी,


प्रार्थी सादर निम्न आधारों पर अपनी जमानत की याचना करता है:-



धारा - यह कि प्रार्थी किशोर अपचारी है।


धारा-1 यह कि प्रार्थी ने अपनी जानकारी में कोई अपराध कारित नहीं किया है।

Or

धारा 1. यह कि प्रार्थी को उक्त मामले में बिल्कुल झूठा एवं फर्जी व बनावटी रूप से आरोपित किया गया है कथित अपराध प्रार्थी द्वारा कत्तई कारित नहीं किया गया है प्रार्थी बिल्कुल निर्दोष है।


धारा 2. यह कि प्रार्थी को स्थानीय विरोधियो द्वारा रंजिशन वादी मुकदमा को उकसाकर  मुकदमा उपरोक्त में प्रार्थी के ऊपर फर्जी कथनो के आधार पर नामित करा दिया गया प्रार्थी उक्त घटना अपनी जानकारी में कारित नही किया है प्रार्थी बिल्कुल निर्दोष है प्रार्थी के ऊपर लगाये गये सभी आरोप बेबुनियाद व निराधार है।



धारा-3 यह कि प्रार्थी द्वारा वादी मुकदमा को न तो मारा पीटा गया है और न ही जान से मारने की धमकी ही दी गयी है।




धारा-4 यह कि बादी मुकदमा द्वारा अपने राजनैतिक पकड़ का प्रयोग करके मुकदमा उपरोक्त केवल फर्जी तौर पर दर्ज करवाकर प्रार्थी को आरोपित करवा दिया गया है।



धारा 3. यह कि उक्त घटना मे पीड़ित को कोई गम्भीर चोटें नही आयी है और तथा न ही कोई इलाज ही हुआ है केवल फर्जी तौर पर प्राइवेट मेडिकल कराकर प्रार्थी को हैरान व परेशान करने की नियत से और चुनावी रंजिश को लेकर प्रार्थी को नाजायज फंसाया गया है।



धारा 4. यह कि प्रार्थी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और न ही सजायाप्ता है।



धारा 5. यह कि प्रार्थी के ऊपर लगाये गये सभी आरोप जमानतीय प्रकृति के है जो प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षणीय है। उपरोक्त मामले में प्रार्थी घटना स्थल पर मौजूद नहीं था और न ही प्रार्थी ने घटना कारित किया था। प्रार्थी बिल्कुल निर्दोष है। प्रार्थी जमानत का पात्र है।



धारा 6. यह कि प्रार्थी माननीय न्यायालय द्वारा अधिरोपित प्रत्येक  शर्तों का अक्षरस: पालन करेगा । प्रार्थी मामले के साक्ष्य सबूतो किसी प्रकार से प्रभावित नहीं करेगा तथा मामले की कार्यवाही को किसी प्रकार से लम्बित व अव्यस्थित नही करेगा मुकदमे में सक्रिय रूप से प्रार्थी भाग लेता रहेगा।



धारा 4. यह कि प्रार्थी एकदम से निर्दोष है प्रार्थी स्थानीय सम्भ्रात व्यक्तियों की जमानत देने को तैयार है तथा बाद जमानत प्रार्थी कभी भी जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा न्ययहित मे प्रार्थी को जमानत पर रिहा किया जाना आवश्यक है।



पारा-5 यह कि मुकदमा उपरोक्त में वर्णित साक्षीगण स्वतंत्र साक्षी नहीं है।



धारा - यह कि प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है और  कथित घटना का कोई भी चछुदर्शी साक्षी नहीं है।



धारा - यह कि जमानत पर छूटने के बाद प्रार्थी के आपराधिक गैंग में शामिल होने व भविष्य में आपराधिक कार्यों में शामिल होने का कोई कारण नहीं है। ( J.J BAIL )



धारा - यह कि जमानत पर छूटने के बाद प्रार्थी के नैतिक, शारीरिक व मनोवैज्ञानिक खतरे में पड़ने की कोई सम्भावना नहीं है। ( J.J BAIL )


धारा - यह कि जमानत पर छूटने के बाद प्रार्थी गृह शिक्षा अर्जित रखना चाहता है और अपने पिता के संरक्षण में रहना चाहता है। ( J.J BAIL )


धारा - यह कि प्रार्थी का जमानत संभ्रांत व्यक्ति लेने को तैयार हैं। प्रार्थी बाद जमानत, जमानत शर्तों का दुरुपयोग नहीं करेगा तथा अच्छे आचरण का पालन करेगा और माननीय बोर्ड द्वारा अधिरोपित शर्तों का अक्षरस: पालन करेगा, ( J.J BAIL )

 

धारा - यह कि प्रार्थी माननीय बोर्ड द्वारा नियत प्रत्येक तारीख पेशी पर  स्वयं या जरिए अधिवक्ता समक्ष न्यायालय हाजिर आता रहेगा। ( J.J BAIL )


धारा - प्रार्थी को उचित जमानत मुचलके पर रिहा किया जाना आवश्यक एव विधि संगत है।


        अतः श्रीमान जी से सादर प्रार्थना है कि प्रार्थी किशोरी / अपचारी का जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार करके उचित जमानत मुचलके पर रिहा करने की कृपा की जावे।


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अतः न्यायालय श्रीमान जी से सादर आग्रह है कि प्रार्थना पत्र जमानत स्वीकार करते हुये प्रार्थी को उचित राशि की जमानत एवं मुचलके पर रिहा किये जाने की कृपा की जावे, महान कृपा होगी।