______ पुत्र _____ पीलखाना, तहसील व थाना मनकापुर, जनपद गोण्डा।..........नोटिसदाता
बनाम
______ पुत्र _______, निवासी ग्राम ______, तहसील व थाना मनकापुर, जनपद गोण्डा। .........नोटिस प्रापक
महोदय,
मै डी. के. गिरि , एडवोकेट सिविल एवं सत्र न्यायालय, गोण्डा, अपने मुवक्विल द्वारा प्रदत्त समस्त विधिक अधिकारों के तहत निम्न रूप से आगाह करता हूँ
धारा-1 यह कि मेरा मुवक्विल एक साथ चरित्रवान व्यकित है. समाज में उसकी प्रतिष्ठा है, जो कि____ व्यवसाय के रूप में अपनी सेवा देता है।
धारा-2 यह कि नोटिस प्रापक ___ पुत्र ____ मेरे मुवक्विल को जो कि ______ गया था, को आपने जमीन के झूठे विवाद को लेकर पूरे समाज के सामने भद्दी-भद्दी गालियां दी तथा जान से मारने की धमकी दिया।
धारा-3 यह कि आपने उपरोक्त आपराधिक कृत्य के बाद समाज में विभिन्न संभ्रान्त लोगों से मेरे मुवक्विल के चरित्र पर सवाल उठाया एवं गाली-गुप्ता के साथ जान से मारने की धमकी दी।
धारा-4 यह कि आपने उपरोक्त संव्यवहार से मेरे मुवक्विल के व्यवसाय को आर्थिक रूप से प्रभावित किया है तथा मेरे मुवक्विल को मानसिक, शारीरिक व सामाजिक रूप से क्षति पहुंचायी है, जिससे मेरा मुवक्विल अवसाद की स्थिति से गुजर रहा है।
धारा 5 यह कि इस विधिक नोटिस के जरिये आपको आगाह किया जाता है कि नोटिस प्राप्ति के 15 दिवस के भीतर मेरे के व्यवसाय में हुई क्षति के क्षतिपूर्ति के रूप में मु-2.00000.00 (दो लाख) एवं मानसिक एवं शारीरिक छाती का एक लाख व विधि खर्चा मु०-5500.00 रु० (पाच हजार पाच सौ) कुल 305500.00 ( तीन लाख पाँच हजार पांच सौ ) का रूपये भुगतान कर दें ताकि मेरे मुवक्विल की आपके द्वारा की गयी क्षति की पूर्ति की जा सके।
धारा-6 यह कि नोटिस मियाद व्यतीत होने पर आपके विरुद्ध विधिक कार्यवाही करने को बाध्य होना पड़ेगा।
धारा-7 यह कि नोटिस साफ-सुथरी व टाइपशुदा है, सम्भाल कर रखियेगा, ताकि सनद रहे व वक्त जरूरत पर काम आयें।
भवदीय,
डी. के. गिरि (एडवोकेट)
जिला एवम सत्र न्यायालय गोंडा