वाद-पक्षकारों का संक्षिप्त विवरण वादी (Plaintiff) और प्रतिवादी (Defendant) का नाम, पता और अन्य पहचान।
वादपत्र वास्ते स्थाई निषेधाज्ञा एवं
निरस्तीकरण बैनामा दस्तावेज
नविस्ते _____ आदि बहक
___ वही सं0-1 जिल्द सं0-____
के पृष्ट सं0-___ से ___ क्रमांक ___
पर दिनांक- 00.00.20__ को
पंजीकृत द्वारा उपनिबंधक कार्यालय ____,
जिला गोण्डा।
श्रीमान् जी,
वादीगण का विनम्र निवेदन निम्नवत है:-
अधिकार का आधार वादी को किस अधिकार के आधार पर दस्तावेज मंसूख कराने का हक है, उसका वर्णन।
धारा 1- यह कि वादी ग्राम- ___, परगना ___, तहसील ____, जिला गोण्डा का स्थाई निवासी है, और इसी ग्राम में वादी की पैतृक भूमि, मकान तथा कृषि योग्य भूमि स्थित है।
Or (दान)
धारा 2- यह कि विवादित भूमि गाटा सं0-__, हे० वादीगण की पूर्वजीय एवं संयुक्त परिवार की सम्पत्ति है जिस पर वादीगणें के पूर्वजों द्वारा निर्मित भवन (मकानात) बने है जिसमें वादीगण संयुक्त रूप से रह रहे है तथा शेष खाली भूमि वादीगण संयुक्त रूप से सहन आदि के रूप में पूर्वजों के जमाने से प्रयोग करते चले आ रहे है।
यह की वादीगण 1 लगायत 3 तथा प्रतिवादी सं- (विक्रता) आपस में सगे भाई है तथा वादिनी स०-4 वादीगण 1 लगायत 3 व प्रतिवादी- के सगे भाई मृतक__& की धर्मपत्नी तथा वादी संख्या ___ मृतक __ के पुत्र है। इसलिए उक्त विवाद को समझने के लिए संजरा खानदान का विवरण आवश्यक है जो निम्नवत है-
संजरा खानदान
धारा 4- यह कि स्व० ___ की मृत्यु दिनांक- ___ को हो गई इसलिए उक्त विवादित भूमि वादीगण व प्रति०- __ को जरिए वरासतन प्राप्त हुई। किन्तु अभी तक वादीगण के मध्य किसी प्रकार का कोई बटवारा नहीं हुआ है तथा वादीगण विवादित भूमि पर बने मकानात में संयुक्त रूप से रह रहे है।
विवादित दस्तावेज का विवरण दस्तावेज का प्रकार (जैसे रजिस्ट्री, वसीयत आदि)। दिनांक और किस कार्यालय में रजिस्टर्ड हुआ। संक्षेप में उसकी विषय-वस्तु।
वाद पत्र के अन्त में विवादित्त दस्तोवज बैनामा का विवरण सूची-अ, तथा विवादित भूमि का विवरण सूची-ब से दर्शाया गया है जो वाद की विषय वस्तु है।
यह कि वादीगणों के पिता ____ प्रतिवादी सं0-1 की उम्र अत्याधिक को चुकी है और वह अपना भला बुरा समझने में पूर्णरूप से असमर्थ हो गये है और प्रतिवादी नं0-2 व 3 उनकी बीमारी व मजबूरी का फायदा उठाते हुए विवादित सम्पत्ति भूमि गाटा संख्या-_____ स्थित ग्राम-___ परगना ___, व तहसील ____, जिला गोण्डा का सम्पूर्ण अंश जिसका विवरण इस वाद पत्र के अन्त में दर्शित सूची में दिया गया है अपने पक्ष में दान करवा लिया और वादीगणों का हिस्सा भी उनको नहीं दिया।
धारा 5- यह कि विवादित भूमि जिसे वादपत्र के अन्त में सूची-ब से दर्शाया गया है वह खतौनी में कृषि भूमि के रूप में भले दर्ज हो किन्तु उक्त कृषि भूमि पर वादीगणों के मकानात पूर्वजों द्वारा बनाये हुए स्थित है, जिस पर संयुक्त परिवार के किसी व्यक्ति को आपस में बंटवारा कराने का अधिकार है, लेकिन वह किसी तृतीय पक्ष को विक्री करने से पाबन्द है और वह आपस में ही दूसरे सहस्वामी को बैनामा का अधिकार है ।
दस्तावेज क्यों अवैध है — कारणों का उल्लेख,धोखाधड़ी (Fraud), जबरदस्ती (Coercion), बलपूर्वक (Undue Influence), गलत बयानी (Misrepresentation), अन्य कोई वैध कारण।
धारा यह कि यदि संयुक्त परिवार का कोई सदस्य ऐसा करता है तो हिन्दू उत्तराधिकार संशोधन अधिनियम 2005 की धारा-22 के अन्तर्गत तथा धारा-4 विभाजन् अधिनियम (Partition Act) तथा अं०धारा 44 सम्पत्ति हस्तांतरण अधिनियम (Transfer of Proparty Act) के तहत प्रारम्भतया शून्य (Void ab Initio) होने के कारण विवादित दस्तावेज बैनामा निरस्त किये जाने योग्य है। इसके अतिरिक्त विवादित दस्तावेज बैनामा निम्न लिखित आधारों पर भी निरस्त होने योग्य है।
A. यह कि चूंकि विवादित भूमि पूर्वजीय सन्पत्ति है इसलिए प्रतिवादी सं०-(विक्रेता)_ को तनहा तृतीय पक्ष को बेचने का अधिकार न होने के कारण निरस्त होने योग्य है।
B यह कि विवादित दस्तावेज बैनामा से निष्पादित करने से पूर्व प्रतिवादी सं०-(विक्रेता) द्वारा सयुक्त परिवार के किसी सदस्य को सूचना न दिये जाने के कारण अप्रक्रियात्मक होने की दशा में निरस्त होने योग्य है।
(Or दान)
यह कि प्रश्नगत दानपत्र को बिना किसी आवश्यकता के मात्र वादीगणों को अनुचित रूप से हानि कारित करने के लिये दस्तावेज दानपत्र को तहरीर किया है, और दानपत्र को तहरीर करते समय विधिक प्राविधानों का उल्लंघन किया गया है दानपत्र में उल्लिखित सम्पत्ति पर अदाता को कब्जा प्रदान नहीं किया गया है इस आधार पर भी प्रश्नगत दस्तावेज दानपत्र निरस्त होने योग्य है।
C. यह कि विवादित दस्तावेज बैनामा अविधिक होने के कारण भी निरस्त होने योग्य है।
D. यह कि विवादित भूमि वादीगण तथा प्रतिवादी सं0-(विक्रेता) की पूर्वजीय संयुक्त परिवार की सम्पत्ति होने के कारण बंटवारा न होने की दशा में विवादित दस्तावेज बैनामा निरस्त होने योग्य है।
E. यह कि कब्जे का हस्तांतरण न होने की दशा में भी विवादित दस्तावेज बैनामा निरस्त होने योग्य है।
(Or दान )
यह कि दानपत्र में वर्णित सम्पत्ति गाटा सं0-_____ स्थित ग्राम-____, परगना ______, तहसील ___ में दानपत्र के आधार पर प्रतिवादी सं0-2 व 3 को अभी कब्जा प्राप्त नहीं हुआ है और न ही राजस्व अभिलेखों में अभी प्रतिवादी सं0-2 व 3 का नाम कागजात सरकारी में दर्ज कागजात हुआ है इस प्रकार से अदाता को कब्जा प्राप्त न होने से प्रश्नगत दानपत्र दिनांकित-______ निरस्त होने योग्य है।
F. यह विवादित भूमि अलग-अलग गाटा होने कारण प्रतिवादी सं0- ( विक्रेता ) __का आबादी एवं सभी गाटों भूमि में हिस्सा है किन्तु विवादित दस्तावेज बैनामा में बिना किसी बंटवारे के एक स्थान व गाटे की भूमि दर्शायी गयी है जो कपटपूर्ण एवं छल व धोखे पर आधारित होने के कारण निरस्त होने योग्य है।
(Or दानपत्र)
यह कि विवादित भूमि गाटा सं0-_____ जो कृषि योग्य भूमि है भूमि पर वादीगणों का कब्जा अपने जन्म से संयुक्त रूप से चला आ रहा है और आज भी उक्त भूमि पर वादीगण काबिज है, प्रतिवादी नं0-1 व 2 आपस में मिलाप करके वादपत्र की सूची में दर्शित सम्पत्ति का दान दिनांक-__ को तहरीर करवा लिया है।
G. प्रतिवादी सं0- (क्रेता) को विवादित भूमि को क्रय करने का कोई अधिकार नहीं था इसलिए दस्तावेज बैनामा निरस्त होने योग्य है।
H. यह कि विवादित भूमि पर स्थित भवन / मकान आबादी आदि का उल्लेख विवादित दस्तावेज बैनामा में नहीं किया गया है इसलिए तथ्यों का छुपाव [Concealment of Fact) कर विवादित दस्तावेज बैनामा निष्पादित किया गया है जो निरस्त होने योग्य है।
Or दान
यह कि प्रतिवादी सं०-1 की बीमारी की हालत में प्रतिवादी सं0-2 व 3 उन्हें घर से इलाज के बहाने बाहर लाये और उसी दिन प्रश्नगत दस्तावेज दानपत्र को तहरीर करवा लिया उपरोक्त दानपत्र को न तो प्रतिवादी सं0-1 को पढ़कर सुनाया गया और न ही उसके परिणाम के बारे में उन्हे बताया गया इस आधार पर भी प्रश्नगत दस्तावेज दानपत्र मंसूख किये जाने योग्य है।
यह कि प्रश्नंगत दस्तावेज दानपत्र को प्रतिवादी सं०-1 से मिथ्या दुर्व्यवदेशन तथा असम्यक असर के प्रभाव से प्रतिवादी सं०-2 व 3 ने जालसाजी व कपटपूर्वक तहरीर कराया है इस आधार पर उपरोक्त दानपत्र दिनांकित ____ निरस्त होने योग्य है।
1. यह कि प्रतिवादी सं0- (विक्रेता) नशे का आदी है इसलिए उक्त विवादित दस्तावेज बैनामा प्रतिवादी सं0- (क्रेता) ने नशे की हालत में तहरीर करवाया है जो निरस्त होने योग्य है।
(Or दान )
यह कि वादीगण को अनुचित रूप से उसके हिस्से से बेदखल करने के लिए जानबूझकर प्रतिवादी सं0-1 से प्रतिवादी सं0-2 व 3 ने जालसाजी व कपटपूर्वक दानपत्र दिनांक-_____ को तहरीर करवा लिया उक्त दानपत्र को तहरीर करते समय अत्याधिक उम्र होने के कारण प्रतिवादी सं०-1 अपना भला बुरा समझाने में असमर्थ थे और उनकी सोंचने समझने की शक्ति छीण हो गई थी।
वादी को हुए हानि का विवरण दस्तावेज के कारण वादी को क्या वास्तविक या संभावित नुकसान हुआ है।
धारा 5- यह कि बिला अधिकार संयुकत परिवार के अन्य सहस्वामियों को बिना पूर्व सूचना दिये विवादित दस्तावेज बैनामा निष्पादित किया है जो यदि कायम रहा तो वादीगण की अपूर्णनीय क्षति होगी। जिसकी भरपाई निकट भविष्य में सम्भव नहीं है। इसलिए विवादित दस्तावेज बैनामा मसूख होने योग्य है।
धारा 5- यह कि दिनाक-00.00.20__ को प्रतिवादी सं०- (क्रेता) द्वारा वादी के जमीन को नाप कर जबरदस्ती कब्जा करने लगे तो वादीगण ने पूछा तो उनके द्वारा कहा गया कि उन्होंने प्रतिवादी सं०- (विक्रेता) से बैनामा लिया है तब वादीगण दिनाक 00/00/ 20__ को उपनिबंधक कार्यालय _____ जाकर मुआयना कराया तब जानकारी हुई।
यह कि उपरोक्त दानपत्र दिनांकित ___ के बरकरार रहने से वादीगणों की सख्त हकतल्फी और प्रतिवादी सं०- __ दानपत्र में वर्णित सम्पत्ति पर जबरदस्ती करके वादीगणों को उनके हिस्से व अधिकार से वंचित कर विधि विरुद्ध रूप से बेदखल कर देना चाहते है और धमकी दे रहे है कि शीघ्र ही वह दस्तावेज में वर्णित भूमि पर निर्माण करवा लेगें।
धारा 10- यह कि प्रतिवादीगण को जरिये व्यादेश स्थाई निषेधाज्ञा इस आशय से वर्जित कर दिया जावे कि बाद पत्र के अन्त में दर्शित सूची-अ एवं सूची-ब विषयक विवादित्त दस्तावेज बैनामा की भूमि पर बेजा हस्तक्षेप न करें बलात कब्जा न करें तथा विक्रय बंधक न करें अन्यथा वाद का उद्देश्य विफल हो जावेगा जिसके परिणाम स्वरूप वादी की अपूर्णनीय क्षति होगी।
Or
यह कि यदि प्रतिवादी सं0-___ने जबरदस्ती दानपत्र में वर्णित सम्पत्ति पर कब्जा कर लिया तो वादीगणों को अपूर्णनीय क्षति कारित होगी जिसकी पूर्ति निकट भविष्य में संभव न होगी इस कारण जरिये स्थाई निषेधाज्ञा प्रतिवादीगणों को रोकना न्यायहित में आवश्यक है।
वाद का कारण (Cause of Action) किस तिथि और किस घटना के कारण वाद उत्पन्न हुआ।
धारा 8- यह कि वादीगण ने प्रतिवादीगणों से बार-बार निवेदन किया कि वे ऐसा न करें तथा विवादित दस्तावेज बैनामा स्वयमेव मूसख करवा ले किन्तु प्रतिवादीगणों ने ऐसा करने से दिनांक-00/00/ 20__ को साफ मना कर दिया तब वाद का संचालन आवश्यक हुआ।
Or
यह कि वादीगणों ने प्रतिवादी सं०-2 व 3 से बारहा कहा कि प्रश्नगत दस्तावेज दानपत्र दिनांकित ___ को निरस्त करवा ले और आपस में बैठकर समझौता कर लें परन्तु प्रतिवादीगणों ने शुरू में आज कल का बहाना लिया और अन्त में दिनांक-____ को अन्दर ग्राम __, पोस्ट-____, परगना _____, तहसील ____, जिला गोण्डा में इंकार कर दिया जो श्रीमान जी के न्यायसीमा अधिकार क्षेत्र में है।
अधिकारिता (Jurisdiction) क्यों इस न्यायालय के पास वाद सुनने का अधिकार है।
धारा 9- यह कि वाद का कारण दिनांक-00.00.20__ को विवादित दस्तावेज बैनामा की जानकारी होने तथा दिनांक-00.00.20__ को विवादित दस्तावेज बैनामा मसूख होने से साफ इन्कार करने व जल्द ही विवादित भूमि कब्जा करने की धमकी देने से बहद ग्राम-___ परगना __, तहसील __ जिला गोण्डा में उत्पन्न हुआ जो न्यायालय श्रीमान् जी के श्रवण क्षेत्राधिकार में है।
मूल्यांकन (Valuation) एवं न्याय शुल्क (Court Fees) वाद का मूल्यांकन और उसपर लगने वाली न्याय शुल्क का उल्लेख।
धारा 11- यह कि बाद का मूल्यांकन लगान परता मु0-__ रूपये के 30 गुना मु0-__ रूपये होता है जिसका 10 गुना मु0-__ रूपये पर न्यूनतम न्यायशुल्क मु0-2.00 रूपये तथा विवादित भूमि में स्थित भवन / मकान, आबादी की मालियत ___/-रू० पर मु0-177.50/-रु० न्यायशुल्क तथा स्थाई निषेधाज्ञा हेतु मु0-177.50/-रू० है. इस प्रकार कुल न्याय शुल्क मु0-___/-रू० अदा किया जाता है। जो न्यायशुल्क अधिनियम के अनुरूप है।
Or
यह कि वादपत्र के आर्थिक क्षेत्राधिकार हेतु विवादित भूमि चूंकि खाते की भूमि है जिसका गाटा संख्या-__ है और कृषि कार्य हेतु प्रयोग किया जाता है, जिसका परता लगान सालाना __ रूपया है जिसका तीस गुना मु0-__ रूपया होता है व दस गुना मु0-__ रूपया होता है यही मालियत मंसूखी हेतु निर्धारित की जाती है जिस पर निर्धारित न्यायशुल्क __ रूपया तथा स्थाई निषेधाज्ञा हेतु विवादित भूमि की मालियत एक लाख रूपये निर्धारित की जाती है जिस पर स्थाई निषेधाज्ञा हेतु अधिकतम न्यायशुल्क ____ रूपये तथा दस्तावेज के मंसूखी हेतु ___ रूपये कुल मु0-_____ रूपये की अदा की जाती है।
प्रार्थना (Relief Claimed) दस्तावेज को मंसूख और अमान्य घोषित करने की मांग। अन्य सहायक प्रार्थनाएँ (जैसे निषेधाज्ञा, हर्जाना इत्यादि)।
धारा यह कि वादीगण न्यायालय से निम्न न्याय प्रतिकार की याचना करते है:-
अ) यह कि डिक्री मंसूखी दस्तावेज बैनामा बहक वादीगण विरूद्ध प्रतिवादीगण इस आशय की प्रदान की जावे कि वाद पत्र के अन्त में दर्शित सूची-अ. व सूची व विषयक दस्तावेज बैनामा मसूख कर निर्णय की प्रति उपनिबंधक कार्यालय __ को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित करें।
ब ) यह कि डिक्री स्थाई निषेधाज्ञा बहक वादी विरुद्ध प्रतिवादीगण इस आशय की प्रदान किया जावे कि प्रतिवादीगण वादपत्र के अन्त में सूची-अ एंव सूची व विषयक भूमि पर बेजा हस्तक्षेप न करें , बलात कब्जा न करें तथा बादीगण को उनके शान्तिपूर्ण अध्यासन से विधि विरुद्ध बेदखल न करें।
स) यह कि वाद व्यय बहक वादी विरूद्ध प्रतिवादीगण प्रदान करें।
द) यह कि अन्य न्यायिक प्रतिकर जो उचित हो बहक वादीगण विरूद्ध प्रतिवादीगण प्रदान किया जाये।
विवरण विवादित दस्तावेज बैनामा सूची-अ
विवादित दस्तावेज बैनामा दिनांकित 00.00.202_ को तहरीर हुआ जिसकी रजिस्ट्री बही सं०-_ जिल्द सं0-__ के पृष्ठ __ से __ तक क्रमांक __ पर दिनाक 00.00.202_ को रजिस्ट्रीकृत किया गया।
नविवरण विवादित भूमि सूची-ब
विवादित भूमि गाटा सं0-____, हे० सम्पूर्ण हिस्सा 0.0000 हे० विक्री ___ वर्ग फुट यानी ___ वर्ग मीटर स्थित ग्राम __ परगना ____, तहसील ___, जनपद गोण्डा।
सत्यापन (Verification) वादी द्वारा वादपत्र के कथनों के सत्यापन की प्रक्रिया।
हम वादीगण प्रमाणित करते
हैं कि वादपत्र धारा 1 लगायत 7
मेरे निजी ज्ञान व विश्वास से सही
है. एवं धारा 8 लगायत 10 कानूनी
सलाह के अनुसार
सत्य होने का पूर्ण विश्वास है,