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प्रार्थना-पत्र वास्ते रोके जाने अवैध प्रशासनिक हस्तक्षेप द्वारा विपक्षीगण।

 सेवा में,

                श्रीमान् जिलाधिकारी महोदय, 

                            गोण्डा।


____ पुत्र ___ निवासी ____पोस्ट-__ परगना ___, तहसील-____ थाना कोतवाली देहात जिला-गोण्डा।.......प्रार्थी

बनाम

1- ____ एस०एच०ओ० थाना कोतवाली देहात जनपद गोंडा मो0नं0-______


2- _____ हल्का कानूनगो परगना-____ तहसील _____ जिला-गोण्डा मो0नं0-_______


3-_____ हल्का लेखपाल ग्राम-_____ परगना ___ तहसील _____ जिला-गोण्डा मो0नं0-____


प्रार्थना-पत्र वास्ते रोके जाने अवैध प्रशासनिक हस्तक्षेप द्वारा विपक्षीगण।


महोदय,

निवेदन है कि यह कि लोकतात्रिक व्यवस्था के तहत किसी लोक सेवक को अनाधिकार व मनमाने तरीके से कार्य करने का कोई विधिक अधिकार प्राप्त नहीं है क्योंकि लोक सेवक को संविधान के दायरे में कार्य करना होता है। 

प्रार्थी द्वारा दीवानी न्यायालय में सामान्य वाद संख्या-____/2025, ____ बनाम ___ आदि प्रस्तुत किया गया जो ग्राम ___ परगना ____ तहसील ___ में स्थित भूमि के बावत विचाराधीन है। 

उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रमुख सचिव के माध्यम से जारी शासनादेश संख्या-491 रिट/छः-पु-3-214-2 (24) पी / 20144 दिनांकित-07.10.2024 , माननीय उच्च न्यायालय रिट याचिका 43627/2014 सईद खान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में पारित आदेश दिनांक-03.11.2024 एवं रिट याचिका संख्या-55049/2014 गौरव यादव बनाम कमिश्नर आफ कानपुर में पारित दिशा-निर्देशों के अनुपान में  न्यायालय में पक्षकारों के मध्य लम्बित मामले में प्रशासनिक रूप में प्रकार का हस्तक्षेप किये जाने से रोका गया है.

 इसके बावजूद भी विपक्षीगढ़  द्वारा मौके पर जाकर असंवैधानिक कृत्य करने का कार्य जा रहा है 

तथ्य उल्लेखनीय है कि जिलाधिकारी महोदय पत्रांक-97/एल०ए०सी०/2021 दिनांक-22.10.2021 द्वारा न्यायालय मे  लम्बित मामले के विचाराधीन रहते हुए राजस्व प्रशासन व पुलिस