प्रार्थना पत्र वास्ते अन्तरिम जमानत
महोदय,
सविनय निवदन है कि प्रार्थी आजतक अन्तरिम जमानत पर है तथा पुनः समझ न्यायालय उपस्थित आकर अपना आत्मसमर्पण किए है यदि किसी कारणवश जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई सम्भव न हो तो प्रार्थीगण को अन्तरिम जमानत पर रिहा किया जाना न्याय हित में आवश्यक है।
अत: सादर प्रार्थना है कि प्रार्थी को अन्तरिम जमानत प्रदान कर रिहा किये जाने ।